खेल है
ज़मीन पर यह चलते हैं !
आसमानी बातें करते हैं !!
अल्फाज़ो में रखते दम हैं !
बेशक नंग हैं !!
देश की शान हैं !
चाहे कितने ही बदनाम हैं !!
खुद्दारी की देते मिशाल हैं !
कोडियों में बिकते इनके ईमान हैं !!
बुजदिली के ढेर हैं !
घर के यह शेर हैं !!
यह कागजी हेर - फेर है !
बस नस्लों का यह खेल है !!
राजनीति दलदल है !
ये दलदल ही तो मखमल है !!
यह सेवा संस्थान है !
यहाँ बिकता हर सामान है !!
सत्यता,योग्यता सब बेकार है !
परिवारों की ही भरमार है !!
लिख रही है लेखनि !
दिल में मेरे मलाल है !!
सत्यता योग्यता का बस ढोल है !
गीदड़ो की नस्लें ही शेर हैं !!
यह कागज़ी हेर-फेर है !
बस नस्लों का यह खेल है !!
डाको को कहते यहाँ घोटाला है !
डाकूओं का ही बोलबाला है !!
कर्मों का कालापन !
सफेद वस्त्रों ने ढ़क डाला है !!
जेल में भी कहाँ लगा !
इनके कर्मों पर ताला है !!
जेल तो घर है !
ऑफिस में लगा ताला है !!
चोर पुलिस का खेल है !
ये कैसा मेल है !!
यह कागजी हेर - फेर है !
बस नस्लों का यह खेल है !!
विपिन बंसल
Niraj Pandey
26-Oct-2021 08:39 PM
वाह
Reply
Zakirhusain Abbas Chougule
26-Oct-2021 07:36 PM
Nice
Reply
Swati chourasia
26-Oct-2021 06:46 PM
Very beautiful 👌
Reply
Vipin Bansal
27-Oct-2021 05:29 PM
आप सभी का तहे दिल से आभार
Reply